यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लेकर लॉ एंड ऑर्डर मामलों की पार्लियामेंट्री कमेटी आज मीटिंग करेगी। इस मीटिंग में UCC पर ड्रॉफ्ट तैयार कर रहे लॉ कमीशन को भी बुलाया गया है।

मीटिंग की अध्यक्षता भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी करेंगे। जिसमें 31 सांसद और कमेटी के सभी मेंबर्स शामिल होंगे। सभी से UCC पर राय मांगी जाएगी और उन पर विचार होगा।

सिब्बल बोले- UCC पर बहस थॉटलेस एक्सरसाइज इस बैठक से दो दिन पहले राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने UCC पर बहस को थॉटलेस एक्सरसाइज करार दिया। उन्होंने पूछा- UCC के तहत क्या ‘यूनिफॉर्म’ करने की कोशिश हो रही है? अनुच्छेद 23 के तहत परंपराएं ही कानून हैं। सरकार को बताना चाहिए कि क्या सिर्फ हिंदुओं पर लागू होने वाला HUF हटा दिया जाएगा? सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि आखिर सरकार क्या समान करने की कोशिश कर रही है।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने UCC के एग्जीक्यूशन पर सवाल उठाने पर कपिल सिब्बल और कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा- समय की मांग है कि सभा पार्टियां एकजुट होकर इसे कानूनी जामा पहनाएं।

सुप्रीम कोर्ट ने भी पांच बार अलग-अलग फैसलों को UCC को लाने की बात कही है। सिब्बल अल्पसंख्यकों के लिए किए गए विकास कार्यों को भूल गए हैं। मोदी सरकार जितना काम किसी ने नहीं किया। मुझे लगता है कि UCC के लिए सभी दलों के नेता समर्थन करेंगे।

UCC पर छिड़ी बहस के बीच केंद्र सरकार ने 20 जुलाई से मानसून सत्र बुलाने की घोषणा कर दी है, जो 11 अगस्त तक चलेगा।

UCC पर बहस क्यों शुरू हो गई प्रधानमंत्री मोदी ने 27 जून को भोपाल में भाजपा के 10 लाख बूथ कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए देशभर में यूनिफॉर्म सिविल कोड जल्द लागू करने की वकालत की थी।

PM ने कहा- यूनिफॉर्म सिविल कोड पर लोगों को भड़काया जा रहा है। एक घर दो कानूनों से नहीं चल सकता। BJP यह भ्रम दूर करेगी।

विपक्षी पार्टियों ने क्या कहा

देशभर में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने के PM के बयान का आम आदमी पार्टी (AAP) और उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना ने समर्थन किया है। हालांकि, उद्धव ने सरकार के स्पष्टीकरण की शर्त रखी है।

शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (NCP) ने न तो UCC का समर्थन किया है और न ही सपोर्ट किया है यानी वो न्यूट्रल है। वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस लीडर फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि सरकार को UCC लागू करने के नतीजों पर बार-बार विचार कर लेना चाहिए।

फारूक अब्दुल्ला ने 29 जून को ईद की नमाज के बाद UCC पर बयान दिया। उन्होंने कहा- सरकार इसके नतीजों पर ठीक से विचार कर ले

UCC के समर्थन में शिवसेना (ऊद्धव गुट) और AAP

  • शिवसेना (उद्धव गुट): अध्यक्ष उद्धव ने MPLB के मेंबर्स से बुधवार को कहा कि हम UCC का समर्थन करते हैं, लेकिन हम सरकार से स्पष्टीकरण भी चाहते हैं। हम चाहते हैं कि सरकार बताए कि इसका विभिन्न समुदायों पर क्या असर पड़ सकता है। साथ ही UCC पर अब चर्चा शुरू करने के पीछे मोदी सरकार का मकसद पाक-साफ नहीं है।
  • AAP: AAP के राज्यसभा सांसद संदीप पाठक ने कहा- हम UCC का समर्थन करते हैं, क्योंकि आर्टिकल 44 भी कहता है कि देश में UCC होना चाहिए। हालांकि, इसके लिए सभी धर्म के लोगों, राजनीतिक पार्टियों और संगठनों से सलाह-मशविरा कर आम सहमति बनाई जानी चाहिए।
  • बसपा: BSP सुप्रीमो मायावती ने भी UCC का समर्थन किया है। उन्होंने कहा- उनकी पार्टी समान नागरिक संहिता के विरोध में नहीं है। मगर संविधान इसे थोपने का समर्थन नहीं करता है। UCC लागू करने के ‌BJP मॉडल पर हमारी असहमति है। भाजपा UCC के जरिए संकीर्ण मानसिकता की राजनीति करने की कोशिश कर रही है।

UCC के विरोध में पार्टियों के बयान

  • NCP: पार्टी ने UCC के मुद्दे पर वर्किंग कमेटी की मीटिंग में चर्चा की। इसके बाद नेशनल सेक्रेटरी नसीम सिद्दिकी ने कहा- हम ना तो UCC का समर्थन करते हैं और न ही उसका विरोध। जनता और इससे जुड़े वर्गों के बीच इस पर चर्चा की जरूरत है।
  • नेशनल कॉन्फ्रेंस: फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार UCC पर ज्यादा जोर ना डाले। इसे लागू करने के परिणामों पर बार-बार विचार कर ले। देश विभिन्नताओं से भरा है और अलग धर्मों-जातियों के लोग यहां रहते हैं। मुस्लिमों का अपना अलग शरीयत कानून है। सरकार सोच ले, तूफान आ सकता है।
  • AIMIM: चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने UCC पर बहस छेड़ने को साजिश बताया था। कहा था कि भाजपा मुख्य मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।
  • कांग्रेस: सांसद शशि थरूर ने कहा, ‘जहां तक यूनिफॉर्म सिविल कोड का सवाल है, प्रधानमंत्री नेहरू ने कहा था कि UCC होना चाहिए, लेकिन हमें सभी को साथ लेकर चलना होगा। आप किसी भी देश में किसी एक तबके को नहीं भूल सकते।’
  • सपा: सांसद एसटी हसन ने कहा - हम हदीस की हिदायतें नहीं छोड़ सकते। संविधान हर व्यक्ति को अपने धर्म का प्रचार करने का अधिकार देता है।
  • DMK : CM एमके स्टालिन ने कहा- मोदी सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काकर और देश में भ्रम पैदा करके 2024 का लोकसभा चुनाव जीतने की सोच रहे हैं।
  • शिरोमणि अकाली दल : दलजीत चीमा ने कहा UCC लागू होने से अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर असर पड़ेगा और देश में अशांति-तनाव बढ़ेगा।